डिजिटल क्रांति की ओर बढ़ रहे भारत के पहाड़ी राज्य हिमाचल के नाम नए वित्त वर्ष की पहली अप्रैल को एक और उपलब्धि जुड़ जाएगी. हिमाचल की सभी 3226 पंचायतों में अप्रैल महीने से कैश और चैक पेमेंट बंद हो जाएगा. पंचायत अब हर तरह के भुगतान को प्रधान और सचिव के डिजिटल सिग्नेचर की ओर से सीधे बैंक खाते में ही करेंगी.
जय राम ठाकुर की सरकार ने इसके लिए पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को भी जल्द से जल्द इसकी प्रक्रिया को पूरा करने के निर्देश दिए हैं. जानकारी के अनुसार प्रदेश के सभी ब्लॉक अधिकारियों कि ओर से पंचायतों को 2006 के चैक के साथ सभी आवश्यक दस्तावेज 15 जनवरी से पहले जमा करने को कहा गया है.
इन दस्तावेजों में पंचायत प्रधान और सचिव को अपने आधार कार्ड, पैन कार्ड की कॉपी ओर से दो फोटो उपलब्ध करवाने पड़ेंगे. प्रदेश में मौजूदा समय में केवल मनरेगा के काम की पेमेंट ही ऑनलाइन होता है, लेकिन अब इसे 100 फीसदी ऑनलाइन किया जा रहा है.
जिला में पंचायतें
कांगड़ा 748, मंडी 469, शिमला 363, चंबा 283, ऊना 234, हमीरपुर 229, सिरमौर 228, सोलन 211,कुल्लू 204, बिलासपुर 151,किन्नौर 65, लाहुल-स्पीति41
डिजिटल सिग्नेचर से यह मिलेगा लाभ
पंचायत में इस व्यवस्था के लागू होने के बाद कोई भी पेमेंट कैश या चैक से नहीं हो पाएगी. पंचायत से हर तरह के काम की पेमेंट डिजिटल सिग्नेचर से ही लाभार्थी या ठेकेदार को उसके खाते में मिलेगी. ऑनलाइन पेमेंट से पंचायत के काम में पारदर्शिता बढ़ेगी. इसके साथ ही ठेकेदारों को भी अब पंचायत के बार-बार चक्कर काटने से राहत मिलेगी.