जयराम राज के पहले साल में शायद ही जुर्म की कोई ऐसी घटना न घटी हो जिस पर देवभूमि को शर्मिंदा न होना पड़ा हो.
Source : news18.com
हिमाचल की शांत वादियों में अपराधियों के हौंसले दिन-ब-दिन बुलंद होते जा रहे हैं. सरकार बढ़ते अपराध पर नकेल कसने के दावे तो बहुत करती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. News-18 ने जयराम सरकार के एक साल के कार्यकाल की क्राइम रिपोर्ट तैयार की है तो चौंकाने वाले आंकड़ें सामने आ हैं.
जयराम के कथित ‘रामराज’ में अब तक हर 30 घंटे में एक महिला से दुष्कर्म का मामला सामने आया है, जबकि हर 12 घंटे में एक महिला यौन शोषण का शिकार हुई है. जनवरी 2018 से लेकर दिसंबर 2018 तक तक प्रदेश में दुष्कर्म के 345 और यौन शोषण के 515 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि अपहरण की 476 वारदात पुलिस थानों की फाइलों में कैद हो गई. 3 बड़े गोलीकांड हुए और 98 हत्याएं हो गईं. दहेज के चलते 4 महिलाओं को जान गंवानी पड़ी और 183 महिलाएं क्रूरता का शिकार हुईं.
हेल्पलाइन भी नहीं कर पाई हेल्प
सरकार ने गुड़िया हेल्पलाइन और शक्ति एप्प लॉंच कर वाह-वाही तो खूब लूटी, लेकिन अंजाम अब तक वही है ढाक के तीन पात रहा. महिलाओं के प्रति अपराधों पर पूर्व की कांग्रेस को कोसने वाले जब खुद सत्ता में आई तो सारे दावे हवा-हवाई हो गए. बता दें कि बहुत हुआ महिलाओं पर अत्याचार, अबकी बार भाजपा सरकार…इसी नारे का ढोल पीट-पीट कर भाजपा दिसंबर 2017 में सत्ता में वापस लौटी थी.
मुख्यमंत्री की शपथ के साथ ही दावे और वादे बहुत हुए थे कि देवभूमि को अपराध मुक्त बनाएंगे. कोटखाई के गुड़िया गैंगरेप और मर्डर पर जमकर हो-हल्ला किया गया था. वीरभद्र सरकार पर कई लांछन लगाए गए थे. भाजपा ने बहु-बेटियों की रक्षा करने के नाम पर वोट हासिल किए, लेकिन जब सत्ता अपने हाथ में आई तो महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों की संख्या कम होने के बजाए कहीं ज्यादा बढ़ गई.
वीरभद्र सरकार-17-जयराम सरकार-18
अपहरण: 341-476
हत्या: 99-98
दहेज के चलते मौत-3-4
क्रूरता-191-183
यौन शौषण-404-515
कांग्रेस कार्यकाल के मुकाबले भाजपा राज में इजाफा
वीरभद्र सरकार के आखिरी साल यानी 2017 में दुष्कर्म के 248 मामले दर्ज हुए जबकि जयराम राज के एक साल में 345 मामले दर्ज हुए. भाजपा को सत्ता का सुख भोगते-भोगते एक साल बीत गया और देवभूमि के थानों में 19 हजार 594 मुकद्दमें दर्ज हो गए, जोकि वीरभद्र राज के आखिर साल के मुकाबले कहीं ज्यादा थे. साल 2017 में 17 हजार 799 मामले दर्ज हुए थे.
ये बड़े मामले हुए
जयराम राज के पहले साल में शायद ही जुर्म की कोई ऐसी घटना न घटी हो जिस पर देवभूमि को शर्मिंदा न होना पड़ा हो, चाहे वो कसौली का गोलीकांड हो, पालमपुर में नाबालिग से गैंगरेप हो, मनाली में विदेशी महिला से सामुहिक बलात्कार हो या फिर सिरमौर में गर्भवती से दुष्कर्म का मामला. जाने कितनी नाबालिग ऐसी हैं जो बदनीयती का शिकार हुई हैं, लेकिन सरकार अपनी पीठ-थपथपाने में ही लगी है. सरकार की ओर से बस दावे ही किए जा रहे हैं. कोटखाई गैंगरेप और मर्डर केस को शायद अब सियासतदान भूल ही चुके हैं.