शिमला. राज्यपाल आचार्य देवव्रत के अभिभाषण के साथ सोमवार को प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया. अपने अभिभाषण में राज्यपाल ने प्रदेश सरकार की एक साल की उपलब्धियों को गिनाया. राज्यपाल ने लगभग एक घंटे में अपने अभिभाषण को समाप्त किया.
राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने ’सबका साथ, सबका विकास’ के मूलमंत्र को आधार बनाते हुए, गत एक वर्ष में सरकार की नीतियों तथा कार्यक्रमों का पुनर्निर्धारण किया है. सरकार ने ’सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया:’ के आदर्श को अपनाते हुए अपने कार्यकाल के प्रथम वर्ष में ही अधिकतर चुनावी वायदों को प्रभावी ढंग से पूरा किया है. उन्होंने कहा कि चालू विष में राज्य में एक नई योजना ‘प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान’ शुरू की गई. इस योजना के अन्तर्गत इस वर्ष लगभग नौ हजार किसानों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण दिया गया है तथा लगभग तीन हजार कृषकों द्वारा इस पद्धति को सफलतापूर्वक अपनाया है.
मिट्टी के पोषक तत्वों का सही और सन्तुलित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए राज्य में ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना‘ के अन्तर्गत सभी कृषकों को ऑनलाइन मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. किसानों की फसलों को बंदरों, जंगली जानवरों एवं बेसहारा पशुओं से बचाने के लिए ‘मुख्य मंत्री खेत संरक्षण योजना‘ के अन्तर्गत सौर बाड़ पर अनुदान बढ़ाया गया है. हिमाचल प्रदेश के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में बागवानी का महत्त्वपूर्ण योगदान है. वर्ष 2018-19 में लगभग दो हजार हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र बागवानी के अन्तर्गत लाया गया है. चालू वित्त वर्ष में इन योजनाओं के अन्तर्गत उच्च मूल्य के फूलों एवं सब्जियों की संरक्षित खेती के लिए 35 हजार 500 वर्ग मीटर क्षेत्र पॉलीहाउस और ग्रीनहाउस, पांच हजार वर्ग मीटर क्षेत्र छायादार जाली गृह तथा 2 हज़ार वर्ग मीटर क्षेत्र प्लास्टिक-टनल के अन्तर्गत लाया गया है.
‘हिमाचल पुष्प क्रान्ति योजना’ आरम्भ की है. इस योजना में 25 हजार 268 वर्ग मीटर क्षेत्र पॉलीहाउस के अन्तर्गत लाया जाएगा. मुख्य मन्त्री मधु विकास योजना के अन्तर्गत मौन पालकों को मौन वंश, मौन गृहों एवं मौन उपकरणों के माध्यम से सहायता प्रदान की जा रही है.