लोकसभा चुनाव में टिकट हासिल करने को भाजपा के कई नेताओं में दावेदारी का दौर शुरू हो गया है। भाजपा के सिटिंग सांसदों के लिए टिकट बचाए रखना चुनौती बन गया है। राज्य में लोकसभा की चार सीटें हैं। इनमें हमीरपुर को छोड़कर बाकी तीनों सीटों पर टिकट झटकने के इच्छुकों में कई नाम शुमार हो गए हैं। इनमें से कुछ दावेदार तो मौजूदा सांसदों के खिलाफ एंटी इनकमबेंसी फैक्टर की चर्चा छेड़कर भी अपनी बात रख रहे हैं।
लोकसभा चुनाव सात-आठ महीने बाद संभावित माने जा रहे हैं। वर्तमान में हिमाचल की चारों सीटों से भाजपा सांसद हैं। वर्ष 2014 के चुनाव में मोदी लहर के बीच हिमाचल में भाजपा ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया था। कांगड़ा से शांता कुमार, हमीरपुर से अनुराग ठाकुर, मंडी से रामस्वरूप शर्मा और शिमला से वीरेंद्र कश्यप चुनाव जीते थे।
कांगड़ा, मंडी और शिमला सीट से कौन-कौन दावेदार
कांगड़ा : शांता कुमार यहां से चुनाव नहीं लड़ते हैं तो कृपाल परमार, दूलो राम और इंदु गोस्वामी में से एक को टिकट मिल सकता है। चर्चा यह भी है कि स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार से भी चुनाव लड़ाया जा सकता है।
मंडी : सांसद रामस्वरूप शर्मा के अलावा ब्रिगेडियर खुशहाल सिंह और महेश्वर सिंह टिकट की दावेदारी में हैं। महेश्वर इसी सीट से सांसद रह चुके हैं। वह राज्यसभा सांसद भी रहे हैं। पूर्व केंद्रीय संचार राज्य मंत्री पंडित सुखराम पोते आश्रय शर्मा को टिकट चाह रहे हैं। ऐसा करने पर भाजपा के पाले में यह सीट डालने का दावा भी सुखराम कर चुके हैं।
शिमला : मौजूदा सांसद वीरेंद्र कश्यप के अलावा इसी सीट से भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ चुके एचएन कश्यप प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। इनके अलावा रोहडू़ से विधानसभा का चुनाव लड़ चुकीं शशिबाला और नगर निगम शिमला की महापौर कुसुम सदरेट भी दौड़ में हैं। वीरेंद्र कश्यप अदालती मामले में उलझे हैं। उनके प्रतिद्वंद्वी इस बात को भुनाकर भी टिकट झटकना चाह रहे हैं।
हमीरपुर : लोकसभा में भाजपा के चीफ व्हिप अनुराग ठाकुर का टिकट काटने का इच्छुक भाजपा का कोई नेता अभी तक हमीरपुर से मैदान में नहीं उतरा है। एक भाजपा नेता ने इस हसरत के साथ प्रचार शुरू जरूर किया, मगर अब वह खामोश हैं। सूत्रों ने बताया कि ऐसे में अनुराग का टिकट ही चारों सीटों में अब तक सबसे सुरक्षित है।