भारत में कुश्ती एक ऐसा खेल है, जहां हमेशा से ही पुरुषों का वर्चस्व रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों में गीता, बबीता, विनेश, साक्षी मलिक और दिव्या काकरान जैसी महिला रेसलर्स ने इस परंपरा को तोड़ा है। इन महिला रेसलर्स ने न केवल कुश्ती में भारत का नाम रौशन किया बल्कि उन लड़कियों के लिए नए रास्ते खोल जो कुश्ती में अपना भविष्य तलाशती हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही एक महिला रेसलर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने भारत में महिला कुश्ती की नींव रखी। हम बात कर रहे हैं सोनिका कालीरमन की, जिन्हें भारत की पहली महिला पहलवान कहा जाता है। आईये जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें……
सोनिका कालीरमन भारत की पहली महिला पहलवान हैं, जिसने 2001 में भारत केसरी दंगल में भारत केसरी का खिताब अपने नाम किया। सोनिका भारत के मशहूर पहलवान चंदगी राम की बेटी हैं। चंदगी राम ने अपने बेटे जगदीश और बेटी सोनिका को पहलवानी के क्षेत्र में उतारने का फैसला किया था।
सोनिका की परवरिश दिल्ली में हुई जहां उनके पिता ने ट्रेनिंग कैंप में उन्हें पहलवानी के गुर सिखाए। सोनिका के कुश्ती करियर की शुरूआत साल 1998 में नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने के साथ हुई।
सोनिका कालीरमन भारत की पहली महिला पहलवान है जिन्होंने एशियन गेम्स हिस्सा लिया था। सोनिका ने 2002 दोहा एशियन गेम्स में भाग लिया लेकिन पदक नहीं जीत पाई। हालांकि भारत की गीतिका जाखड़ एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने में कामयाब रही।
सोनिका एशियन वूमैन रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीत चुकी हैं। इसके अलावा वह 10 बार नेशनल रेसलिंग चैंपियन, 3 बार नेशनल गेम्स रेसलिंग चैंपियन और 9 बार भारत केसरी का खिताब अपने नाम कर चुकी हैं।
सोनिका ने साल 2010 में रेसलिंग को अलविदा कह दिया था। इसके बाद वह अमेरिका बेस्ड बिजनेसमैन सिद्धार्थ मलिक से शादी करके वहीं सेटल हो गईं। सोनिका के पति भी एक एथलीट है और अमेरिका में मार्शल आर्ट्स के चैंपियन रह चुके हैं।

सोनिका 2010 में बिग बॉस-5 और खतरों के खिलाड़ी-2 में भी दिख चुकी हैं। बिग बॉस में वह सिर्फ 8 दिन रही थीं। प्रेग्नेंसी और मेंटल स्ट्रेस के कारण उन्होंने शो बीच में ही छोड़ दिया था।