शिमला के डॉ. ओमेश भारती और पीजीआई चंडीगढ़ के निदेशक डॉ. जगत राम को राष्ट्रपति ने दिया सम्मान , डॉ. भारती ने सस्ता एंटी रैबीज वैक्सीन देकर जिंदगियां बचाई, डॉ. जगत राम ने किए लाख से ज्यादा ऑपरेशन
Shimla : हिमाचल के दो सपूतों को भारत के राष्ट्रपति ने दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया। समाज की सेवा में अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए इन दोनों विभूतियों को इस अवॉर्ड के लिए चुना गया था। शनिवार को राष्ट्रपति भवन में हुए पदम पुरस्कारों के वितरण समारोह में इनके साथ हिमाचल प्रदेश का नाम भी ऊंचा हुआ। राष्ट्रपति से अवॉर्ड लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सभी अवॉर्डी ने फोटो भी खिंचवाए।
डॉ. ओमेश भारती को रैबीज का सस्ता इलाज खोजने के लिए इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए चुना गया। डॉ. भारती मूल रूप से कांगड़ा के ज्वालामुखी के रहने वाले हैं और पिछले कई वर्षों से शिमला में ही तैनात हैं। वर्ष 2000 में उन्होंने अपने पड़ोसी को कुत्ते के काटने के बाद रैबीज से मरते देखा। गरीब पड़ोसी के पास रैबीज के इलाज के लिए पैसे नहीं थे। इसके बाद उन्होंने महंगे इलाज को सस्ता करने पर शोध शुरू किया और अंतत: ऐसा प्रोटोकॉल तैयार कर लिया। बाद में इसे डब्ल्यूएचओ ने भी मान्यता दे दी।
तब डॉ. भारती चर्चा में आए। दूसरी ओर, सिरमौर के रहने वाले डॉ. जगतराम को पीजीआई चंडीगढ़ में अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। वह नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं और वर्तमान में पीजीआई के निदेशक भी हैं। डॉ. जगत राम के नाम अब तक एक लाख से ज्यादा आंखों के ऑपरेशन करने का रिकॉर्ड है।
वह सिरमौर जिले की सेर जगास पंचायत के पबियाना गांव से हैं और उनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था। लेकिन अपनी मेहनत के दम पर वह आईजीएमसी में सेवा के बाद चंडीगढ़ गए और चिकित्सा क्षेत्र में नाम कमाया।
सीएम जयराम ठाकुर ने दोनों को दी बधाई
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जारी एक संदेश में दोनों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये न केवल इन दोनों की मेहनत का परिणाम है, बल्कि इससे देश और विदेश में हिमाचल का भी नाम रोशन हुआ है।