पुलवामा आतंकी हमले और भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अंतरराष्ट्रीय दबाव में फंसे पाकिस्तान के शांति राग से पर्दा उठ चुका है। साथ ही एक बार फिर ये साबित हो गया है कि पाकिस्तान ऐसा पड़ोसी है जिस पर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता। आलम ये है कि एक तरफ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान शांति का राग अलाप रहे हैं, दूसरी तरफ पाकिस्तानी सरजमीं पर पल रहे आतंकी संगठनों ने एक बार फिर बड़े पैमाने पर भारत में तबाही मचाने की तैयारी शुरू कर दी है।
शांति को लेकर पाकिस्तान कितना गंभीर है और उसके मंसूबे कितने खतरनाक हैं, इसका अंदाजा एलओसी (LoC)पर लगातार हो रहे सीजफायर उल्लंघन से भी लगाया जा सकता है। पाकिस्तानी फौजों ने अब सीमा से सटे भारत के रिहायशी इलाकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान फौजों ने पिछले कुछ दिनों में ही 60 बार सीमा पर सीज फायर का उल्लंघन किया है। साफ है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव में पाकिस्तान केवल दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए शांति राग अलाप रहा है।
पाकिस्तानी सेना ने शुक्रवार रात पुंछ जिले की कृष्णा घाटी में भारी गोलाबारी की, जिसमें एक महिला और उसके दो बच्चों की मौत हो गई। महिला का पति, सेना का एक मेजर और हवलदार भी घायल हैं। शुक्रवार देर रात आतंकवादियों ने एक बार फिर पुलवामा के त्राला में रात करीब तीन बजे सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हुए IED ब्लास्ट किया। आतंकियों का निशाना सुरक्षाबलों के पेट्रोलिंग वाहन थे। इस विस्फोट से सुरक्षा बलों को तो कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन एक आम नागरिक घायल हो गया है।
पुलवामा आतंकी हमले और पाकिस्तान पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत की कूटनीति ने पाक को अंतरराष्ट्रीय मंच पर घेर लिया है। आलम ये है कि अमेरिका, ब्रिटेन व फ्रांस समेत दुनिया के कई देश आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान को खुलेआम फटकार लगा चुके हैं। साथ ही उन्होंने भारत का साथ देते हुए सार्वजनिक तौर पर कहा कि भारत को आत्मरक्षा का अधिकार है। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के दुश्मन नंबर वन जैश-ए-मुहम्मद सरगना मसूद अजहर को अतंरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के लिए प्रस्ताव भी रखा है। इससे पाकिस्तान बुरी तरह से फंस चुका है। लिहाजा भारत में तबाही फैलाने के लिए अब जैश-ए-मुहम्मद का खुलेतौर पर इस्तेमाल नहीं होगा।
जैश-ए-मुहम्मद की जगह आतंकी संगठन अल-बदर
भारतीय खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि भारत में दहशत फैलाने की जिम्मेदारी इस बार पाकिस्तान के अन्य आतंकी संगठन अल-बदर ने ली है। अल-बदर को भी जैश का ही एक अंग माना जाता है। मसूद-अजहर पर शिंकजा कसे जाने के बाद अल-बदर ने भारत में आतंक का खेल जारी रखने के लिए भर्ती शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि गुरुवार को अल-बदर ने खैबर-पख्तूनख्वा (KPK) में नए आतंकियों की भर्ती की है। खैबर-पख्तूनख्वा वही इलाका है, जहां भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी 2019 की तड़के जैश-ए-मुहम्मद के प्रशिक्षण शिविर को निशाना बनाते हुए सर्जिकल स्ट्राइक की थी।
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने जारी किया है अलर्ट
इमरान खान की शांति की अपील के बावजूद अल-बदर द्वारा की जा रही आतंकियों की भर्ती से साफ जाहिर है कि न तो पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर चलने वाले आतंकी शिविरों को प्रतिबंधित करने के लिए गंभीर है और न ही ये आतंकी संगठन भारत विरोधी गतिविधियों को लगाम लगामा चाहते हैं। भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद आतंकी बदला लेने के लिए तिलमिला रहे हैं। यही वजह है कि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर व दिल्ली समेत कई राज्यों में हाई अलर्ट घोषित कर रखा है। खुफिया एजेंसियों ने विशेष तौर पर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों को खास सावधानी बरतने की हिदायत दी है।