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हिमाचल आयोग भर्ती पेपर लीक केस:आरोपी उमा आजाद की संपत्ति की आज होगी जांच, बाहर से आई टीमें खंगालेंगी दस्तावेज

हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग भर्ती पेपर लीक मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी उमा आजाद की संपत्ति की जांच आज होगी। जांच टीम में हमीरपुर जिले के बाहर के अधिकारी और कर्मचारी शामिल किए गए हैं। आरोपी के घर से कैश की बरामदगी और 2 प्रश्न पत्र मिलने की पुष्टि विजिलेंस ASP रेणू शर्मा ने की है।

वहीं आरोपी के घर से जो 2 पेपर बरामद हुए थे, उनकी सत्यता का पता भी आज चल जाएगा। रविवार को छुट्टी थी, इसलिए आज ऑफिस खुलते ही न केवल इन पेपरों की आयोग के अधिकारियों से मिलकर शिनाख्त की जाएगी, बल्कि अन्य परीक्षाओं से संबंधित रिकॉर्ड खंगालने का काम भी शुरू हो जाएगा।

क्यों बनाई गई बाहर के अधिकारी की अगुवाई में टीम
जांच कोई चूक न रह जाए और स्थानीय पुलिस कर्मी जांच को प्रभावित न कर सके, इसलिए बाहरी जिला अधिकारियों की टीम आरोपी उमा आजाद की संपत्ति जांचने के लिए लगाई गई है। अब देखना यह है कि कितने दिनों में यह टीम जांच करके रिपोर्ट विजिलेंस टीम को देगी।

शनिवार को बरामद हुए थे पेपर
हिमाचल के हमीरपुर स्थित राज्य कर्मचारी चयन आयोग में पेपर लीक मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी महिला उमा आजाद के घर से विजिलेंस ने 2 प्रश्न पत्रों सहित 7.90 लाख कैश भी बरामद किया। मामले में अब तक 6 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इन्हें शनिवार शाम को कोर्ट में पेश किया गया था। इनका 28 दिसंबर तक 4 दिन का पुलिस रिमांड भी कोर्ट ने दिया है।

कोचिंग सेंटर संचालक लाता था ग्राहक
शहर के अणु इलाके में कोचिंग सेंटर चलाने वाले संजीव शर्मा की भूमिका भी पेपर बेचने के मामले में खास रही है। पुलिस के मुताबिक, लंबे समय से कोचिंग सेंटर मालिक उमा आजाद और उसके बेटे के साथ मिलकर ग्राहक लाया करता था।

अभी इस बात का भी खुलासा होना है कि कोचिंग सेंटर संचालक के अलावा और कौन-कौन ऐसे लोग थे, जो आरोपी महिला की मदद किया करते थे। धन उगाही में उनका योगदान था। अब पुलिस रिमांड में कई राज खुलने की संभावना जताई जा रही है।

5:00 बजे के बाद भी रहता था ऑफिस खुला
इस कार्यालय की खास बात यह भी रही है कि गोपनीय शाखा से जुड़े लोग अक्सर सुबह के समय देरी से आया करते थे और शाम को 5:00 बजे के बाद भी कई घंटों तक दफ्तर चलाया करते थे आखिर ऐसी क्या वजह थी जो 5:00 के बाद भी उन्हें काम करना पड़ता था। कायदे में तो ऑफिस टाइम में ही सारी गतिविधियां मुकम्मल होनी चाहिए। कभी कबार देरी हो सकती है। लेकिन अमूमन यह सिलसिला लगातार जारी था। चाहे बहाना काम के बोझ और रिजल्ट शीघ्र घोषित करने का लगाया जाता रहा है। लेकिन उसके पीछे की मंशा अब सामने आ रही है।

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