शिमला। भारत में मंकी पॉक्स वायरस ने दस्तक दे दी है। मंकी पॉक्स के लक्षण वाला पहला मरीज दिल्ली में मिला है। मरीज का इलाज दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। इस मरीज की कोई विदेशी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है, लेकिन ये कुछ दिन पहले मनाली घूमने आया था।
दरअसल हिमाचल के लिए ये विषय इसलिए चिंता का है क्योंकि जिस व्यक्ति में मंकी पॉक्स के लक्षण मिले हैं वो हिमाचल घूमकर वापस दिल्ली लौटा है। अगर वो हिमाचल में किसी के संपर्क में आया होगा तो ये वायरस हिमाचल में भी फैल सकता है। इसी बात को लेकर हिमाचल का स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। विभाग के आला अधिकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मरीज के बारे में जानकारी जुटाने में लगे रहे। मसलन, वो शख्स हिमाचल में कहां-कहां घूमकर गया है, कहां-कहां ठहरा है। किसी टैक्सी या बस में ट्रैवल किया है। किस-किस पर्यटन स्थल पर गया है। वापस दिल्ली कैसे लौटा है।
क्या है मंकी पॉक्स ?
मंकी पॉक्स मानव चेचक के समान एक वायरस है। यह पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था। मंकी पॉक्स से संक्रमण का पहला मामला 1970 में दर्ज किया गया था।
क्या हैं मंकी पॉक्स के लक्षण ?
मंकी पॉक्स वायरस से संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार, त्वचा पर चकते, चेहरे, हाथ, पैर, हथेलियों और तलवों तक पड़ते हैं। वायरस से संक्रमित व्यक्ति को सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकावट, गले में खराश और खांसी आती है।
मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति को कई अन्य परेशानियां भी हो होती हैं। आंख में दर्द या धुंधला दिखना, सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द, पेशाब कम आना, बार-बार बेहोश होना और दौरे पड़ना जैसी परेशानियां