शिमला जल प्रबंधन निगम राजधानी के हजारों लोगों को नोटिस देगा। ये नोटिस उन लोगों को दिए जाएंगे, जिन्होंने अपने रसोई घर और बाथरूम के पानी को सीवरेज में नहीं डाला है। इसके लिए जल प्रबंधन बोर्ड ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए घर-घर जाकर सर्वे किया जाएगा और घरों से निकलने वाले पानी का निरीक्षण किया जाएगा। एक अनुमान के अनुसार 70 फीसद घरों का दूषित पानी खुले में बह रहा है।
इस रिपोर्ट के आधार पर नोटिस दिए जाएंगे और उन्हें घरों से निकलने वाले दूषित पानी को सीवरेज में डालने के लिए 10 से से 15 दिन का समय दिया जाएगा। एस न करने वालों के पानी के कनेक्शन काटे जाने की योजना है। अभी जल प्रबंधन निगम के पास ऐसा कोई आधार नहीं है, जिसके आधार पर सही संख्या का पता चले सके कि आखिर गंदे पानी को खुले में बहाने वालों का सही आंकड़ा क्या है।
खुले में दूषित पानी बहाने से पड़ रही दोहरी मार
गंदे पानी को खुले में बहाने से दोहरी मार पड़ रही है। एक तो पीने के पानी के जल स्रोत दूषित हो रहे हैं और लगातार पानी के रिसाव के कारण जमीन धंस रही है, जिसे आने वाले समय में खतरे का संकेत माना जा रहा है। यही कारण है कि इस दिशा में कदम उठाते हुए अब नोटिस देने की तैयारी है।