Flipkart और Amazon जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स से आपने शॉपिंग तो कई बार की होगी। आपका ऑनलाइन खरीदा हुआ सामान आमतौर पर डिलीवरी बॉय लेकर आता है। लेकिन जल्द ही आपको इनकी जगह ड्रोन नजर आने वाले हैं। जी हां, ई-कॉमर्स कंपनियां घर-घर सामान पहुंचाने के लिए जल्द ड्रोन का इस्तेमाल शुरू कर सकेंगी। आपको बता दें कि सरकार ड्रोन पॉलिसी के दूसरे फेज में हैं। माना जा रहा है कि दूसरे फेज में ड्रोन के सामने पायलट का रहना जरूरी नहीं होगा। सरकार इस जरुरत को खत्म कर सकती है। वहीं, जल्द ही पॉलिसी के ड्राफ्ट रूल को भी पेश किया जा सकता है। इसकी जानकारी उद्योग चैंबर फिक्की के साथ सिविल एविएशन मिनिस्ट्री की तरफ से दी गई है।
जल्द पेश होग ड्रोन 2.0:
एविएशन मिनिस्टर जयंत सिन्हा ने कहा, “भारत में ड्रोन ऑपरेशन्स में लीडरशिप प्रोजिशन को लाना हमारी प्राथमिकता है। मैं उम्मीद करता हूं कि ड्रोन 2.0 जल्द ही पेश किया जाएगा।” इसके अलावा जयंत सिन्हा ने यह भी कहा कि पब्लिक प्लेटफॉर्म बनने के बाद यह देखा जा सकेगा कि मार्केट कितनी तेजी से ड्रोन सिस्टम को अपनाता है। इसके साथ ही ड्रोन ऑपरेशन से जुड़ी सभी सम्सयाओं और चुनौतियों को दूर करने के लिए हम बारीकि से काम कर रहे हैं। हम ड्रोन्स का सुरक्षित इस्तेमाल कर रहे हैं और यह कानून के दायरे में भी है।
सरकार ने भारत में ड्रोन की मैन्युफैक्चरिंग के लिए 100 फीसद एफडीआई की अनुमति दे दी थी। इसके साथ ही सरकार ने डेडिकेटेड ड्रोन कॉरिडोर बनाने का भी प्रस्ताव दिया था। हालांकि, इसके लिए डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) को पॉलिसी ड्राफ्ट जारी करना होगा। इसके लिए भी नियमों को मंजूरी मिलना अनिवार्य है।
आपको बता दें कि 27 अगस्त 2018 को सरकार ने ड्रोन पॉलिसी का ऐलान किया था। सरकार ने कहा था कि वो 1 दिसंबर से ड्रोन के ऑपरेशन की इजाजत देगी। लेकिन समयसीमा के तहत पॉलिसी को पूरी तरह से लागू नहीं किया गया था। हालांकि, अब सरकार ने ड्रोन का रजिस्ट्रेशन कराने की इजाजत दे दी है। एक बार पॉलिसी का रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरा हो जाए तो ही इसका काम शुरू किया जा सकेगा। सरकार ने बताया है कि देश में फिहला 40,000 ड्रोन्स हैं जो अगले 5 वर्ष में 10 लाख का आंकड़ा पार कर सकता है।